इंदौर / उद्योगपति ने 16 घंटे तक ड्राइवर को थर्ड डिग्री जैस टॉर्चर किया था, इतना पीटा था कि यूरिन पास होना भी बंद हो गई थी

उद्योगपति हेमंत नीमा के ड्राइवर हत्याकांड में सिमरोल पुलिस ने चार ओर लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक नीमा के ही परिवार का सदस्य है। वहीं, शेष कर्मचारी हैं। सबूत सामने आने के बाद खुद नीमा ने भी हत्याकांड को अंजाम देने की बात कबूल ली है। बताते हैं बेटे के साथ हुई हरकत के बाद नीमा ने ही अपने ड्राइवर प्रमोद मतकर की हत्या की प्लानिंग की थी। इस प्लानिंग में उसके साथ उसका बेटा पीयूष नीमा, रिश्तेदार कुणाल नीमा, ड्राइवर जगदीश उर्फ जग्गू, दूसरा ड्राइवर मोहन, गनमैन लोकेश, बंगले का कर्मचारी सोनू भी शामिल था। पुलिस ने बुधवार को इन चार आरोपियों की भी गिरफ्तारी कर ली। अब इस केस में कुल 7 आरोपी हो गए हैं।


 
इधर, बुधवार को पुलिस रिमांड पर चल रहे हेमंत नीमा के केसर बाग स्थित बंगले (कोठी) पर पुलिस अधिकारियों की टीम ने फिर दबिश दी और पूरे घर व ऑफिस की सर्चिंग की। करीब डेढ़ घंटे तक एएसपी व सीएसपी की टीम बंगले के अलग-अलग हिस्सों में जाकर हत्याकांड से जुड़े सुराग जुटाने में लगी रही। बताते हैं ड्राइवर प्रमोद का भंवरकुआ में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित चाय की दुकान से हेमंत नीमा ने इनोवा कार से अपहरण करवाया था। ड्राइवर यहां एक लॉज में रहता था। वह अपना फोन लाॅज के ही कमरे पर छोड़कर चाय पीने आया था, तभी उसका अपहरण हुआ था। इसके बाद नीमा ने उसे अपने बंगले (कोठी) स्थित ऑफिस बुलाया और यहां हाथ-पैर बांधकर बेटे के साथ गलत हरकतें करने पर बुरी तरह टाॅर्चर किया। उसे इस कदर पीटा गया कि उसके आंतरिक अंग भी डैमेज हो गए थे।


बताते हैं लगातार 16 घंटे तक ड्राइवर प्रमोद को बुरी तरह टाॅर्चर किया गया था। ये टॉर्चर पुलिस की थर्ड डिग्री के जैसा था, लेकिन उसमें भी काफी हदें पार कर दी थीं। टॉर्चर के कारण ड्राइवर की यूरिन पास होना भी बंद हो गई थी और जब वह मरणासन्न स्थिति में आया तो नीमा और उसके लोगों ने उसे बचाने का प्रयास किया। उसे अपहरण करने वाली इनोवा कार में ही रणजीत हनुमान मंदिर रोड स्थित आदित्य नर्सिंग होम में उपचार के लिए ले गए। यहां भी नीमा ने अपने परिचय का रुतबा दिखाकर नर्सिंग होम के डाॅक्टर को उसका उपचार करने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन मेडिको लीगल केस होने और हालत क्रिटिकल होने से स्टॉफ ने हालत गंभीर बताकर उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा था। जब वह उसे अस्पताल से गंभीर हालत में अन्य जगह ले जाने लगे तभी उसने रास्ते में गाड़ी में ही दम तोड़ दिया। बाद में उसके शव को ये फिर हेमंत के बंगले पर ले आए और रात में कर्मचारियों और बेटे व रिश्तेदार ने मिलकर उसे भेरूघाट इलाके के जंगलों में फेंक दिया। 


स्टॉम्प की तलाश जो मरने से पहले ड्राइवर से अंगूठा लगाकर किया था तैयार
उद्योगपति हेमंत नीमा ने पूरे षड्यंत्र के साथ ड्राइवर की हत्या की साजिश रची थी। उसे अपहरण करने के बाद उसे बुरी तरह टाॅर्चर कर उससे एक कोरे स्टाम्प पर अंगूठे का निशान भी ले लिया था। ताकि टाॅर्चर करने के बाद यदि वह अपना मुंह खोले या किसी को भी शिकायत करे तो उस स्टाम्प के जरिए वह उसके आरोपों से बच सके। पुलिस को इस स्टाम्प की भी तलाश है। इसीलिए उनकी कोठी (बंगले) पर सर्चिंग की गई।